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KYC (Know Your Customer)

KYC DETAILS DOWNOAD

केवार्इसी बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में प्रयुक्त होने वाला एक लोकप्रिय शब्द है। अपने ग्राहक की पहचान से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए केवार्इसी विधि का प्रयोग किया जाता है। इस विधि से वित्तीय संस्थाएं सूचनाओं का संग्रह करते हैं, जिसके आधार पर ग्राहक की पहचान और उसके पत्ते की सही जानकारी प्राप्त की जाती है।

भारत सरकार ने व्यक्ति की पहचान लिए छ: प्रकार के दस्तावेजों को केवार्इसी के लिए प्रमाणित कर्यालयी दस्तावेज के रुप में विज्ञापित किया है, जिन्हें व्यक्ति की पहचान के रुप में प्रमाण माना गया है। यदि आपने एक बार केवार्इसी डोक्युमेंट बैंक में दे दिये हैं, फिर भी बैंक दुबारा आपकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए एक समयावधि के पश्चात केवार्इसी रिकार्ड को अपडेट करने के लिए इन दस्तावेजों को मांग सकता है।

यह बैंक के अकाउंट की जांच के लिए किया गया निरन्तर जारी रहने का वाला उद्यम है। एक अवधि के बाद अकाउंट का अकाउंट से या केटेगरी ऑफ अकाउंट भिन्न हो सकता है। यह सब कुछ बैंकर्स की जाखिम धारणा पर निर्भर करता है।

बैंक में अकाउंट खोलने, म्युचल फंड़ अकाउंट, बैंक लोकर्स तथा ऑन लाइन म्युचल फंड और सोने में निवेश के लिए केवार्इसी को अपडेट कराते रहना आवश्यक रहता है।

यहां दस्तावेजों की एक सूची दी जा रही है जिसके आधार पर व्यक्ति की पहचान और उसके पत्ते को प्रमाणित किया जा सकता है:

  • पासपोर्ट
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • मतदाता पहचान पत्र
  • पेनकार्ड
  • आधार कार्ड जोकि यूएआर्इडीआर्इ द्वारा जारी किया जाता है।

एनआरजीए कार्ड

आपको इनमें से कोर्इ एक दस्तावेज अपनी पहचान को सत्यापित करने के लिए देना आवश्यक रहता है। यदि इन दस्तावेजों के साथ आपके पत्ते का विवरण भी हैं तो इसे पत्ते का प्रामाण मान लिया जायेगा। यदि आप अपने निवास स्थान के सही पत्ते का प्रमाण नहीं दे पाते हैं तो आपको इस संबंध में अन्य वैधानिक दस्तावेज देने आवश्यक रहते हैं, जिसमें आपका पत्ता प्रमाणित किया हुआ हो।

पत्ते क संबंध में प्रमाण

उपभोक्ता बिल जैसे टेलिफोन, बिजली या गैस का रि- फिलिंग बिल, पासपोर्ट, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट जो मेल द्वारा भेजा गया हो/कूरियर जिसके हस्ताक्षर को बैंकर्स ने सत्यापित किया हो, राशन कार्ड, नियोक्ता द्वारा जारी नियुक्ति पत्र, व्यावसायिक बैंकों के बैंक मैनेजर द्वारा भेजा गया पत्र।

कर्इ बैंक और वित्तीय संस्थाएं व्यक्ति को स्वयं द्वारा सत्यापित किये हुए दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कह सकते हैं। बैंक में जमा कराये गये दस्तावेजों को उनके मूल दस्तावेजो से वेरिफार्इ कर उन्हें किसी प्राधिकृत अधिकारी द्वारा प्रमाणित किया जाता है। यदि आवश्यक हुआ तो इन दस्तावेज को किसी प्राधिकृत निधि से प्रमाणित करवा कर अटेस्टेड़ भी कराया जा सकता है।

नोटोरी पब्लिक, राजपत्रित अधिकारी, प्रबन्धंक व्यावसायिक/सहकारी बैंक द्वारा दस्तावेजों को प्रमाणित कराया जा सकता है, जिस पर उनके हस्ताक्षर किये होते हैं और पदनाम की मुहर लगी रहती है। व्यक्ति, एचयूएल, एनआरआर्इ और कम्पनी के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति के दस्तावेजो का सेट अलग किया जाता है। इस बारें में आप सुनिश्ति कर लें कि आपने जो दस्तावेज दिये हैं, वे सही हैं।

केवार्इसी क्यों महत्वपूर्ण है?

बैंको और वित्तीय संस्थाओं के लिए केवार्इसी का बहुत महत्व हैं, क्योंकि इस विधि के द्वारा व्यक्ति के आवेदन और उसकी पहचान को सुनिश्चित कर लेंतें और इस बात से आश्वस्त हो जाते हैं कि जो भी दस्तावेज दिये गये हैं, वे वास्तविक हैं। ऐसे कर्इ प्रकरण हुए हैं, जिसमें धोखाघड़ी और और जालसाजी कर अकाअंट से पैसे निकाल लिये गये। यदि आवेदक की पहचान सुनिश्चित हो जाती हैं, तो जालसाजी की सम्भावना कम हो जाती है और इसे रोका जा सकता है।

कर्इ वर्षों से उपभोक्ता को प्रचलित तरीके सेवाएं उपलब्ध करार्इ जा रही है, जिसे सभी को पालन करना आवश्यक रहता है। अत: आप किसी बैंक में अकाउंट खोलने की इच्छा रखते हैं तो आपको केवार्इसी का अनुपालन करना जरुरी है। अब पिछले अकाउंट को पुन: खोलना या म्युचल फंड के लिए अकाउंट खोलना बिना केवार्इसी के सम्भव नहीं है।